गाउट साइटिका

साइटिका दर्द को संदर्भित करता है जो साइटिक तंत्रिका के मार्ग के साथ यात्रा करता है। साइटिक तंत्रिका पीठ के निचले हिस्से से कूल्हों और नितंबों से होते हुए प्रत्येक पैर तक जाती है। साइटिका अक्सर तब होता है जब हर्नियेटेड डिस्क या हड्डी की अधिक वृद्धि तंत्रिका के हिस्से पर दबाव डालती है। इससे प्रभावित पैर में सूजन, दर्द और अक्सर कुछ सुन्नता होती है।

गाउट साइटिका

गाउट साइटिका क्या है?

साइटिका दर्द को संदर्भित करता है जो साइटिक तंत्रिका के मार्ग के साथ यात्रा करता है। साइटिक तंत्रिका पीठ के निचले हिस्से से कूल्हों और नितंबों से होते हुए प्रत्येक पैर तक जाती है।

साइटिका अक्सर तब होता है जब हर्नियेटेड डिस्क या हड्डी की अधिक वृद्धि तंत्रिका के हिस्से पर दबाव डालती है। इससे प्रभावित पैर में सूजन, दर्द और अक्सर कुछ सुन्नता होती है।

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार इसे गृध्रसी के नाम से जाना जाता है।

लक्षण:

साइटिका दर्द को संदर्भित करता है जो साइटिक तंत्रिका के मार्ग के साथ यात्रा करता है। साइटिक तंत्रिका पीठ के निचले हिस्से से कूल्हों और नितंबों से होते हुए प्रत्येक पैर तक जाती है।

साइटिका अक्सर तब होता है जब हर्नियेटेड डिस्क या हड्डी की अधिक वृद्धि तंत्रिका के हिस्से पर दबाव डालती है। इससे प्रभावित पैर में सूजन, दर्द और अक्सर कुछ सुन्नता होती है।

साइटिका

कारण: 

साइटिका तब होता है जब साइटिक तंत्रिका दब जाती है। इसका कारण आमतौर पर यह होता है

  1. रीढ़ की हड्डी में हर्नियेटेड डिस्क
  2. रीढ़ की हड्डियों पर हड्डियों की अत्यधिक वृद्धि हो जाती है, जिसे कभी-कभी अस्थि स्पर्स भी कहा जाता है।
  3. रीढ़ की हड्डी की चोट
  4. अधिक वजन
  5. अनियमित व्यायाम
  6. अपकर्षक कुंडल रोग
  7. रीढ़ की नाल का पतला होना
  8. स्पोंडिलोलिस्थीसिस
  9. ऊँची एड़ी के जूते पहनना
  10. बहुत कम मामलों में ट्यूमर तंत्रिका पर दबाव डाल सकता है।
  11. मधुमेह जैसी बीमारियाँ तंत्रिका को क्षति पहुंचा सकती हैं।

साइटिका-आयुर्धामा

जटिलताएं: 

अधिकांश लोग साइटिका रोग से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, प्रायः बिना उपचार के।

  1. प्रभावित पैर में संवेदना का नुकसान
  2. प्रभावित पैर में कमज़ोरी
  3. आंत्र या मूत्राशय पर नियंत्रण खोना

आयुर्वेद उपचार पद्धति :

चूंकि यह वात विकारों में से एक है, इसलिए सभी वात शांत करने वाले उपाय किए जाने चाहिए।

  1. धन्यमला धारा,
  2. अभ्यंग,
  3. स्नेहा
  4. स्वेदना,
  5. पथरापोटाली स्वेदना (एलाकिज़ी),
  6. नवाराकिज़ी
  7. सर्वांगधारा (पिझिचिल),
  8. नारंगा किज़ी
  9. कटि वस्ती,
  10. वस्ति (एनीमा)
  11. मर्म मालिश
  12. सिरा वेदना (वेनेसेक्शन)
  13. रक्तमोक्षण
  14. अग्नि कर्म (हीट थेरेपी)
  15. मृदु विरेचन – हल्का विरेचन

पौष्टिक आहार और आदतें: 

  1. माशा(काले चने)
  2. कुलथा (घोड़ा चना)
  3. गोधूमा (गेहूं)
  4. रक्तशाली (लाल चावल)
  5. आंवला (खट्टे फल)
  6. दाड़िमा(अनार)
  7. द्राक्षा(किशमिश)
  8. शिग्रु (ड्रम स्टिक)
  9. पटोला
  10. क्षीर(दूध)
  11. घृत
  12. ममसरसा (मांस का सूप)
  13. अवगाह (टब स्नान)
  14. अभ्यंग (तेल मालिश)

अस्वास्थ्यकर आहार और आदतें: 

  1. कलाया - मूंगफली (लैथिरस सैटाइवस)
  2. चनाका - बंगाल ग्राम (सिसर एरियेटिनम)
  3. रायमाशा (राय माँ)
  4. वेगधारणा (आवेगों का दमन)
  5. व्यवाय (यौन भोग)
  6. व्यायाम (भारी व्यायाम)
  7. दिवा स्वप्न (दिन में सोना)
  8. प्रजागरना (रातों की नींद हराम)
  9. याना (वाहन आदि चलाना)

रोकथाम:

  1. नियमित रूप से व्यायाम करें। पीठ को मजबूत रखने के लिए, कोर मांसपेशियों पर काम करें - पेट और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियां अच्छी मुद्रा और संरेखण के लिए आवश्यक हैं।
  2. बैठते समय सही मुद्रा बनाए रखें। पीठ के निचले हिस्से को अच्छा सहारा देने वाली सीट, आर्मरेस्ट और घूमने वाला बेस चुनें। पीठ के निचले हिस्से को बेहतर सहारा देने के लिए, पीठ के निचले हिस्से में तकिया या लुढ़का हुआ तौलिया रखें ताकि उसका सामान्य वक्र बना रहे। घुटनों और कूल्हों को एक समान रखें।
  3. अपने शरीर का सही तरीके से इस्तेमाल करें।  लंबे समय तक खड़े रहने पर, समय-समय पर एक पैर स्टूल या छोटे बॉक्स पर टिकाएं। जब कोई भारी चीज उठाएं, तो अपने पैरों से काम करवाएं। भार को अपने शरीर के करीब रखें। एक ही समय पर वजन न उठाएं और न ही मोड़ें। भारी या अजीब चीजों को उठाने में मदद के लिए किसी को खोजें।

एक कॉल पर पाये हेल्थ का वाई-फाई के विशेषज्ञ डॉक्टर से उचित सलाह एवं इलाज - अभी कॉल करें या फ्री अपॉइंटमेंट बुक करें

यदि आप ऊपर बताई गई समस्या से पीड़ित हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके

हेल्थ का वाई-फाई के विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी समस्याओं से संबंधित उचित सलाह एवं

आयुर्वेदिक उपचार पाएं - अभी कॉल करें

एक कॉल पर पाये हेल्थ का वाई-फाई के विशेषज्ञ डॉक्टर से उचित सलाह एवं इलाज - अभी कॉल करें

हेल्थकावाई-फाई वाट्सएप नं. 8960879832 पर स्वागत

 

दोस्तों, जो पेशेंट अपनी बीमारी से संबंधित मेरी वास्तविक बातों को समझने और स्वीकार करने के साथ-साथ धैर्यपूर्वक  इंतजार करने और मुझसे उपरोक्तानुसार उपचार करवाने के लिये सहमत हो जाते हैं। उनका मेरे हेल्थकावाई-फाई वाट्सएप नं.: 8960879832  (Call Between 10 to 18 hrs. only) पर स्वागत है। ऐसे पेशेंट्स को स्वस्थ करने की मैं सम्पूर्ण कोशिश करता हूं। यद्यपि परिणाम तो प्रकृति (जिसे सभी लोग ईश्वर मानते हैं) पर ही निर्भर करते हैं। उपचार लेने की शुरूआत करने से पहले जानें:-

 

  1. मैं पेशेंट को उपचार प्रक्रिया की सारी बातें मेरे हेल्थकावाई-फाई वाट्सएप 8960879832 पर क्लीयर कर देता हूं।
  2. सारी बातों को जानने, समझने और सहमत होने के बाद, पेशेंट को (जैसा वह चाहे)10 दिन, 20 दिन अथवा एक महीना के अनुमानित चार्जेज बैंक खाते में अग्रिम / एडवांश जमा करवाने होते हैं।
  3. इसके बाद पेशेंट के लक्षणों और बीमारी के बारे में पेशेंट से कम से कम 15--20 मिनट मो. पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करता हूं।
  4. पेशेंट के लक्षणों और उसकी सभी तकलीफों के विवरण के आधार पर प्रत्येक पेशेंट का विश्लेषण करके, पेशेंट के लिये वांछित (जरूरत के अनुसार) ऑर्गेनिक देसी जड़ी-बूटियों, स्वर्ण, रजत और मोती युक्त रसायनों तथा होम्योपैथिक व बायोकेमिक दवाइयों की सूची बना करके, दवाइयों का अंतिम मूल्य निर्धारण किया जाता है। 
  5. अंतिम मूल्य निर्धारण के बाद यदि कोई बकाया राशि पेशेंट से लेनी हो तो उसके बारे में पेशेंट को वाट्एसप पर सूचित किया जाता है। शेष राशि जमा करने के बाद, पेशेंट को उसके बताये पत्राचार के पते पर भारतीय डाक सेवा से रजिस्टर्ड पार्सल के जरिये अथवा कुरियर द्वारा दवाइयां भिजवा दी जाती हैं।

 

    1. पेशेंट को हर 10 दिन में अपनी हेल्थ रिपोर्ट मेरे हेल्थकावाई-फाई वाट्सएप पर भेजनी होती है।
    2. 40 दिन की दवाइयों का सेवन करने के बाद पेशेंट को हमसे बात करनी होती है और आगे दवाइयां जारी रख्ना जरूरी होने पर 10 अथवा 20 दिन एडवांश आगे की दवाई का मूल्य जमा करना होता है। जिससे दवाई सेवन में बीच में गैप/अंतरल नहीं होने पाये।

    3. (1) अन्य किसी भी प्रकार के फालतू के शौक पालने से पहले अपने स्वास्थ्य की रक्षा के महत्व को समझना सीखें।

      (2) पेशेंट्स को समझना होगा कि महंगे वाहन, आकर्षक कपड़े, आलीशान मकान साज श्रंगार, शारीरिक सौंदर्य और करोडों का बैंक बैलेंस भी कोई मायने नहीं रखते, यदि उन्होंने अपना स्वास्थ्य खो दिया। विशेषकर यदि पाचन शक्ति कमजोर हो चुकी है, तो जीवन निरर्थक है।

      (3) इसलिये यदि आपको पूर्ण आयु तक सम्पूर्णता से स्वस्थ तथा जिंदादिल जिंदगी जीनी है तो खाली पेट चाय, कॉफी, धूम्रपान, गुटखा, शराब आदि सभी प्रकार के नशे की लतों को तुरंत त्याग देना चाहिये और इनके बजाय उत्साहवर्धक साहित्य खरीद कर पढने, पौष्टिक खाद्य व पेय पदार्थों और आरोग्यकारी, पुष्टिकारक तथा बलवर्धक औषधियों का सेवन करने पर अपनी कमाई का कुछ हिस्सा उदारतापूर्वक खर्च करते रहना चाहिए।

      (4) इससे आपको अपने जीवन में ग्लानि, दुर्बलता, स्मरण शक्ति का लोप आदि की शिकायतें कभी नहीं होती हैं।

      (5) कौन मूर्ख व्यक्ति ऐसा होगा, जो स्वस्थ एवं तंदुरुस्त नहीं रहना चाहेगा?

      ऑनलाइन वैद्य Dr. RANJEET KESHARI संचालक हेल्थकावाई-फाई- वाराणसी ,

      परंपरागत उपचारक एवं काउंसलर ,हेल्थकावाई-फाई व्हाट्सएप -8960879832

      बात केवल 10:00 से 18:00 बजे के मध्य,

      आयुर्वेदिक वैद्य डॉक्टर रंजीत केशरी-

      लाइलाज समझी जाने वाले बीमारियों से पीड़ित रोगियों की चिकित्सा अपने क्लीनिक पर तो होती ही है साथ ही व्हाट्सएप पर डिटेल लेकर देशी जड़ी बूटियों, रस -रसायनों और होम्योपैथिक दवाओं से घर बैठे इलाज भी किया जाता है ।

      बिना ऑपरेशन सामान्य प्रसव हेतु घर बैठे प्रसव सुरक्षा चक्र दिया जाता है और दांपत्य विवादों तथा यौन समस्याओं के समाधान हेतु ऑनलाइन काउंसलिंग भी की जाती है।

      Mobile & Whatsapp number-8960879832,

      Call Between10:00 a.m. To 6:00 p.m.

 

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0