गर्भावस्था में बवासीर – Piles during pregnancy Symptoms & Treatment
Piles in Pregnancy Due To Constipation know symptoms, treatment and prevention tips.
गर्भावस्था में बवासीर – Piles during pregnancy Symptoms & Treatment
बवासीर को अंग्रेजी भाषा में पाइल्स या हैमरॉइड्स कहा जाता है। ये गुदा क्षेत्र में सूजी हुई रक्त वाहिकाएं होती हैं।
इनका साइज़ मटर के जितना छोटा और अंगूर जितना बड़ा हो सकता है। ये गुदा के भीतर की तरफ विकसित हो सकती हैं या फिर गुदा से बाहर भी निकल सकती हैं।
बवासीर के लक्षण जानें:
बवासीर के अक्सर कोई लक्षण नहीं होते। आप अपनी गुदा के ठीक अंदर की तरफ या बाहरी किनारे पर इन्हें छोटी, नरम गांठ के तौर पर महसूस कर सकती हैं। कभी-कभी इनमें दर्द भी हो सकता है।
- पाइल्स के कुछ अन्य लक्षण नीचे दिए गए हैं, मगर जरुरी नहीं हैं कि ये लक्षण आपको महसूस होंगे ही।:
- गुदा के आसपास दर्द, सूजन व जलन होना, जिससे मलत्याग करने में असहजता हो सकती है।
- मलत्याग के बाद श्लेम (म्यूकस) निकलना
- मल को नियंत्रित करने में मुश्किल होना, और इस वजह से कभी-कभार अंडरवियर भी गंदा हो जाना।
- मलत्याग करने के बावजूद दोबारा मलत्याग करने की इच्छा होना
- नितंबों के आसपास खुजलाहट होना
- मलत्याग के बाद चटक लाल रंग का खून आना, जो आप गुदा को साफ करने या पौंछने पर देख सकती हैं।
- बवासीर से गर्भस्थ शिशु को नुकसान नहीं पहुंचता, हालांकि इससे आपको असहजता जरुर हो सकती है।
गर्भावस्था में बवासीर होना इतना आम क्यों है?
- जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपके शरीर में ज्यादा रक्त संचारित हो रहा होता है। इसी समय, प्रोजेस्टीरोन हॉर्मोन का उच्च स्तर रक्त वाहिकाओं की दीवारों को शिथिल बना देता है।
केवल 3 महीने में इलाज करने के लिए संपर्क करें:
बवासीर संबंधित किसी भी पुरानी से पुरानी समस्या के लिए निःसंकोच संपर्क करें :
हेल्थ का वाईफ़ाई आयुर्वेदा क्लिनिक,
कछवाँ रोड, वाराणसी, उ.प्र.- 221313
8960879832
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Healthkawifi Ayurveda Clinic
Kachhawa Road, Varanasi, UP- 221313
8960879832
बवासीर क्या है | बहुत आसान है उपचार | Piles in hindi
- गर्भ में बढ़ते शिशु के वजन से इन भरी हुई नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे इनमें सूजन और खिंचाव की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि गर्भवती होने पर आपको बवासीर और वेरीकोज वेन्स होने का खतरा अधिक रहता है।
- आपको योनिमुख (Vulva) में भी नसों में सूजन हो सकती है, जिसे वल्वर वेरीकोज वेन्स कहते हैं।
- गर्भावस्था का एक अन्य दुष्प्रभाव कब्ज भी बवासीर का कारण हो सकता है, क्योंकि कठोर मल होने की वजह से आपको मलत्याग के लिए जोर लगाना पड़ता है और इससे बवासीर हो सकती है।
तीसरी तिमाही तक पाइल्स करीब एक तिहाई गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है। कुछ महिलाओं को बवासीर पहली बार गर्भावस्था के दौरान ही होती है। मगर यदि आपको गर्भवती होने से पहले बवासीर की शिकायत रहती थी, तो आपको गर्भावस्था में यह होने की आशंका ज्यादा रहती है। गर्भावस्था में बवासीर – Piles during pregnancy Symptoms & Treatment
गर्भावस्था में बवासीर से किस तरह बचा जा सकता है?:
गर्भावस्था में बवासीर से बचने के कुछ उपाय यहां दिए गए हैं:
कब्ज से बचाव के लिए फाइबर से भरपूर आहार लें, जिनमें पर्याप्त मात्रा में साबुत अनाज, राजमा, लोबिया आदि बीन्स, फल और सब्जियां शामिल हों।
रोजाना करीब आठ से 12 गिलास पानी पीएं और नियमित व्यायाम (यदि डॉक्टर अनुमति दे तो) करें। यदि आपको पहले से कब्ज रहती है तो आप डॉक्टर से फाइबर अनुपूरक (ईसबगोल) लेने या मल को नरम बनाने के लिए स्टूल सोफ्टनर लेने के बारे में पूछ सकती हैं।
इंतजार न करें और जब भी आपको मलत्याग की इच्छा हो, तो तुरंत शौचालय जाएं। शौच करते समय जोर न डालें।
जरुरत से ज्यादा समय के लिए शौचालय में न बैठें। इससे गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ता है।
रोजाना कीगल व्यायाम करें। कीगल्स से गुदा क्षेत्र में रक्त संचरण बढ़ता है और ये गुदा के आसपास की मांसपेशियों को मजबूती देता है, जिससे पाइल्स होने की संभावना कम होती है। ये योनि और मूत्रमार्ग के आसपास की मांसपेशियों को भी मजबूत और टोन करता है, जिससे आपके शरीर को प्रसव के बाद उबरने में मदद मिल सकती है।
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ज्यादा लंबे समय के लिए बैठे या खड़े न हों। यदि ऑफिस में आपको डेस्क पर बैठे रहना होता है, तो करीब हर घंटे कुछ मिनटों के लिए उठें और आसपास चले-फिरें। घर पर सोते समय, पढ़ते समय या टीवी देखते हुए करवट लेकर लेटें। इससे गुदा क्षेत्र की नसों से दबाव हटता है और शरीर के निचले हिस्से से ज्यादा रक्त वापिस आता है।
गर्भावस्था में बवासीर – Piles during pregnancy Symptoms & Treatment
उकड़ू बैठने का प्रयास करें। यदि आपके घर में भारतीय शैली का शौचालय है तो मलत्याग के लिए इसी का इस्तेमाल करें। उकड़ू बैठने से मल आसानी से और जल्दी निकलने में मदद मिलती है और इस तरह गुदा क्षेत्र की रक्त वाहिकाओं पर दबाव कम होता है। यदि आपके घर भारतीय शैली का शौचालय नहीं है तो आप पश्चिमी शैली के शौचालय पर बैठते हुए अपने पैर किसी छोटे स्टूल पर रख सकती हैं, ताकि आपके घुटने आपकी नाभि के स्तर से ऊपर हों।
पेरिनियम क्षेत्र की मालिश करें। मलत्याग करने से पहले आप अपनी योनि और गुदा के बीच के मांसल स्थान (पेरिनियम) को अपनी उंगलियों से दबा सकती है। इससे उत्तेजित होकर एक स्वाभाविक क्रिया होती है, जो कि गुदा में मसल टोन को बढ़ाती है और मलत्याग को आसान बना सकती है।
पीठ के बल न सोएं। ऐसे सोने से गर्भाशय के नीचे की नसों पर दबाव बढ़ता है।
पाइल्स का उपचार कैसे किया जा सकता है?
यदि आपको पहले से ही बवासीर है, तो आप आराम पाने के लिए निम्नांकित उपाय आजमा सकती हैं:
आइस पैक या फिर बर्फ के पानी में डुबोकर निचोड़ा गया कपड़ा गुदा क्षेत्र में लगाने से दर्द में राहत मिल सकती है।
10 से 15 मिनट के लिए हल्के गर्म पानी के टब में बैठें। ऐसा दिन में कई बार करें। आप इसके लिए प्लास्टिक के छोटे टब का इस्तेमाल कर सकती हैं। या आप केमिस्ट की दुकान से या ऑनलाइन सिट्ज बाथ खरीद सकती हैं। यह एक छोटा प्लास्टिक का पात्र होता है, जिसमें आप पानी भरकर अपने शौचालय की सीट पर रख सकती हैं, ताकि आपके बैठने पर गुदा क्षेत्र पानी में रह सके।
गर्म और ठंडी सिकाई बारी-बारी से करें। पहले ठंडा और फिर गर्म उपचार करें और इन्हें फिर दोहराएं।
मलत्याग के बाद उस क्षेत्र को हल्के से अच्छी तरह साफ करें। टॉयलेट टिश्यू से पौंछने की बजाय पानी से धो लेना या फिर गीले टिश्यू (वाइप्स) से पौंछना ज्यादा आरामदेह रहेगा। रगड़कर पौंछने की बजाय थपथपाकर पौछें।
नहाते समय साफ उंगली से पाइल्स को गुदा में अंदर की तरफ डालने का प्रयास करें। ऐसा करने के लिए आप थोड़ी सी चिकनाई वाली जैली इस्तेमाल कर सकती हैं। पाइल्स शायद दोबारा फिर से बाहर आ जाएं, इसलिए आपको गर्भावस्था में ऐसा कई बार करना पड़ सकता है। गर्भावस्था में बवासीर – Piles during pregnancy Symptoms & Treatment
दर्द से राहत के लिए अपने गुदा की नसों पर दबाव न पड़ने दें। आप रिंग के आकार के कुशन पर बैठ सकती हैं। यदि आपको पास रिंग कुशन न हो तो तौलिये को रिंग का आकार देकर इसपर बैठ सकती हैं। बहुत सी नई मांओं को यह उपाय बहुत फायदेमंद लगता है। हालांकि, आपको इसका इस्तेमाल कभी-कभार ही करना चाहिए, क्योंकि इससे प्रभावित क्षेत्र में रक्त संचरण कम हो सकता है और ठीक होने की प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
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डॉक्टरी पर्ची के बिना मिलने वाली बवासीर की दवाओं को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। आपकी डॉक्टर आपके लिए सुरक्षित एनेस्थेटिक, क्रीम या दवा युक्त सपोसिटरी बता सकते हैं।
साथ ही, यदि बवासीर से बचने के उपाय और घरेलू उपचार काम न आएं या फिर आपको बहुत ज्यादा दर्द या गुदा क्षेत्र में रक्तस्त्राव हो तो अपनी डॉक्टर से बात करें।
कुछ मामलों में आपको बवासीर को सिकोड़ने या कम करने के उपचार के लिए विशेषज्ञ के पास जाने की जरुरत हो सकती है। कभी-कभार इसके लिए छोटा ऑपरेशन भी करना पड़ सकता है, हालांकि, यह दुर्लभ है। वैसे, डॉक्टर आपकी डिलीवरी के बाद ही यह सर्जरी करना चाहेंगी।
क्या प्रसव के बाद बवासीर ठीक हो जाती है?
जब आपका शरीर प्रसव से उबर रहा होता है, तो उस दौरान अधिकांश मामलों में बवासीर अपने आप गायब हो जाती है या सिकुड़ जाती है।
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कुछ मामलों में प्रसव के दौरान जब आप शिशु को जन्म देने के लिए जोर लगाती हैं, तो उस चरण पर भी बवासीर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। या फिर शिशु के जन्म के बाद कब्ज की वजह से भी बवासीर हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक आपका शरीर गर्भावस्था के दौरान जमा हुए अतिरिक्त तरल को निकालता है। गर्भावस्था में बवासीर – Piles during pregnancy Symptoms & Treatment
याद रखें कि अगर गुदा से रक्तस्त्राव हो रहा हो, तो इस बारे में डॉक्टर को अवश्य बताएं। हालांकि, शुरुआत में लोकिया की वजह से गुदा क्षेत्र के रक्तस्त्राव को पहचानना मुश्किल होता है। मगर, मलत्याग के बाद, गुदा क्षेत्र को साफ करके एक मुलायम टिश्यू पेपर केवल गुदा पर लगाएं। यदि इस पर खून के दाग हों, तो अपनी डॉक्टर को बताएं।
यदि आपकी बवासीर से जुड़ी गंभीर समस्या चलती ही जा रही हो, तो डॉक्टर निम्नांकित उपचार बता सकती हैं:
बैंडिंग, जिसमें बवासीर के बेस पर एक तरह का रबर बैंड बांधा जाता है। इससे रक्त संचरण बंद हो जाता है, जिससे यह सूख जाता है और खुद टूटकर गिर जाता है। गर्भावस्था में बवासीर – Piles during pregnancy Symptoms & Treatment
हालांकि, इन उपचारों की सलाह आमतौर पर बवासीर की शुरुआत में दी जाती है। पुरानी चली आ रही या प्रोलेप्स्ड पाइल्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार की जरुरत हो सकती है। आपकी डॉक्टर ही बता सकती हैं कि आपकी स्थिति के अनुसार कौन सा उपचार सबसे बेहतर रहेगा।
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